राज्य सरकार ने ( mosque speakers) भोंगा मुद्दे पर एक सर्वदलिय बैठक बुलाई है। आज सुबह 11 बजे यह बैठक बुलाई गई है। हालांकी बताया जा रहा है की मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ( raj Thackeray) सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होंगे। राज ठाकरे की जगह मनसे का प्रतिनिधित्व बाला नंदगांवकर करेंगे। सरकार ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राज ठाकरे और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित किया है।
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने मस्जिदों के स्पीकरों को मस्जिदों से हटाने के लिए 3 मई तक का अल्टीमेटम दिया है। उनके अल्टीमेटम के बाद कुछ मुस्लिम संगठन आक्रामक हो गए हैं। मस्जिद के शोर पर अपने रुख की घोषणा के बाद से राज ठाकरे को कई धमकी भरे फोन आए हैं। लेकिन फिर भी वे अपनी भूमिका पर अडिग हैं।
महाराष्ट्र सरकार और पुलिस राज ठाकरे की भूमिका पर नजर रख रही है। खासकर गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने एक गोपनीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि 3 मई के बाद राज्य में कुछ विस्फोटक हो सकता है। यह भी बताया गया कि स्थिति से निपटने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि इस बैठक में राज ठाकरे को भी आमंत्रित किया गया।
गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा की "सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2005 का है। राज्य सरकार द्वारा 2015 में और फिर 2017 में जीआर जारी किए गए थे। लाउडस्पीकर सिस्टम निर्धारित किया गया है। संबंधित लोगों को निर्देश जारी किए जाएंगे। अंतिम निर्णय लेने से पहले, मैं फोन करूंगा सभी विपक्षी नेताओं की एक बैठक हम इस पर चर्चा करेंगे। हम कुछ संगठनों की बैठक भी बुलाएंगे और फिर इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा"
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