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मोनोरेल ड्राइवरों को विमान पायलटों की तरह मिलेगी ट्रेनिंग

सिम्युलेटर एक ऐसी मशीन है जिसे वाहन के नियंत्रण और संचालन की यथार्थवादी नकल देने के लिए यानी की आर्टीफिसल ड्राइवर कैबिन जैसा बनाया गया है।

मोनोरेल ड्राइवरों को विमान पायलटों की तरह मिलेगी ट्रेनिंग
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नए नियुक्त मोनोरेल ड्राइवरों को विमान पायलटों के प्रशिक्षण के लिए एक सिम्युलेटर स्थापित किया जाएगा। सिम्युलेटर एक ऐसी मशीन है जिसे वाहन के नियंत्रण और संचालन की यथार्थवादी नकल देने के लिए यानी की आर्टीफिसल ड्राइवर कैबिन जैसा बनाया गया है। उसका उपयोग पायलटों को प्रशिक्षण के उद्देश्यों में विमान या अन्य जटिल प्रणाली के लिए प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है।

इस परियोजना पर मुंबई मेट्रोपोलिटियन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) की लागत लगभग छह करोड़ रुपये होगी। नए लोको पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए एक सिम्युलेटर स्थापित किया जाना है, क्योंकि उन्हें जमीन पर प्रशिक्षित करना संभव नहीं है। लिहाजा इस तकनीक का इस्तेमाल कर मोनोरेल के ड्राइवर को पायलट के आधार पर ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले के पायलटों को चरण -1 मार्ग (चेंबूर से वडाला डिपो) पर प्रशिक्षित किया गया था।

MMRDA के अनुसार यूएसए, चीन और अन्य अंतर्राष्ट्रीय देशों के बोलीदाताओं ने इस सिम्युलेटर को स्थापित करने में रुचि दिखाई। यह मोनोरेल वडाला डिपो में स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में, जैकब सर्कल-वडाला डिपो-चेंबूर से 19.54 किलोमीटर के इस मार्ग पर केवल सात रेक ही चल रहे हैं, जो 6 बजकर 10 मिनट के बीच 22 मिनट के अंतराल पर है। चालकों द्वारा तीन शिफ्टों में काम शुरू करने के बाद 10 नई रेक जल्द ही चालू होगी।


17 रेक चलाने के लिए 51 ड्राइवरों को तीन शिफ्टों में काम करना होगा।

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