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यह है मौत का दरवाजा !


यह है मौत का दरवाजा !
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गोरेगांव - गोरेगांव में सरेआम यात्री नियमों को ताक पर रख व जान का जोखिम उठाकर पटरी पार करते हैं। गोरेगांव ईस्ट से रेलवे स्टेशन जाने आने के लिए सुबह और शाम के वक्त रिक्शा,बस व फुट ओवर ब्रिज पर भारी भीड़ होती है। जिसकी वजह से यात्री प्लेटफॉर्म क्रमांक चार से गाड़ी पकड़ने के लिए रेलवे के कर्मचारी वर्ग व आपत्कालीन दुर्घटना के लिए उपयोग किए जाने वाले गेट का उपयोग करते है। हलांकि कई बार रेलवे प्रशासन द्वारा इस गेट पर ताला लगाया गया। पर लोगों के कहने पर रेलवे ने यह गेट यात्रियों के लिए खोल दिया। आखिरकार सवाल उठता है कि रेलवे प्रशासन इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकता है? सिर्फ लोगों के कहने पर यह मौत स्वरूपी गेट कैसे खोल सकता है?
गोरेगांव स्टेशन अधीक्षक दिनेश चोरगे का कहना है कि प्रत्येक महीना रलवे के नियम तोड़ने से पांच से छह लोगों की जान जाती है। जो रास्ता सिर्फ रेलवे कर्मचारियों के लिए है उस रास्ते का उपयोग यात्री विरार लोकल पकड़ने के लिए करते हैं। कई बार इस गेट पर ताला लगाया गया, पर लोगों की चिल्लमचिल्ली की वजह से यह गेट खोल दिया गया।

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