चुनाव के बाद केंद्र में एनडीए सरकार का कामकाज शुरू हो गया है। अश्विनी वैष्णव को एक बार फिर रेल मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, पहले 100 दिनों के लिए मुंबई-दिल्ली 160 किमी प्रति घंटे का काम सरकार के एजेंडे में रखा गया है। चुनाव के दौरान ही इस मार्ग का काम लगभग पूरा हो गया था। पश्चिम रेलवे सूत्रों के मुताबिक ट्रायल के लिए अनुमति का इंतजार है और इसी महीने ट्रायल शुरू होने की संभावना है। (Train will run at a speed of 160km per hour between Mumbai-Delhi)
इन परीक्षणों में देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भी शामिल हो सकती है। इस ट्रेन के सबसे पहले मुंबई-दिल्ली रूट पर चलने की भी उम्मीद है। पांच साल पहले मुंबई और दिल्ली के बीच 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए 'मिशन रफ़्तार' परियोजना शुरू की गई थी।
1,478 सड़क किमी और 8 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से जुड़े लगभग सभी काम पूरे हो चुके हैं। मिशन से जुड़े अधिकारियों की मानें तो पहले चरण में मुंबई-अहमदाबाद रूट पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से परीक्षण शुरू किया जाएगा।
सुरक्षा के लिए बाड़ लगाई
ट्रेनों को तेजी से चलाने के लिए पूरे मार्ग पर ट्रैक के दोनों सिरों पर बाड़ लगाई जानी चाहिए। पूरे मार्ग का लगभग 50% यानी 792 ट्रैक किमी पश्चिम रेलवे के अधिकार क्षेत्र में है और पूरे हिस्से की बाड़ लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है।
अभी तक देशभर में चलने वाली सभी वंदे भारत ट्रेनों को पूरी रफ्तार से चलने का मौका नहीं मिल सका है। फुल स्पीड के लिए दोनों तरफ मजबूत ट्रैक और सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत होती है। अब मुंबई-दिल्ली रूट पर इसकी व्यवस्था की गई है।
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