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गलत के खिलाफ हमेशा बोलती हूं, मुझे खामियाजे से डर नहीं लगता: अंकिता लोखंडे

अंकिता ने कहा, हर चीज का सही समय होता है। जो चीज जब होनी होती है, वह तभी ही होती है। पहले मुझे फिल्मों के कई ऑफर्स आ चुके हैं, लेकिन काम होते होते रह गया।

गलत के खिलाफ हमेशा बोलती हूं, मुझे खामियाजे से डर नहीं लगता: अंकिता लोखंडे
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टीवी सीरियल ‘पवित्र रिश्ता' से घर दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाली एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे 25 जनवरी को बड़े पर्दे पर दश्तक देने वाली हैं। जी हां अंकिता, कंगना रनौत के साथ फिल्म ‘मणिकर्णिका’ से बड़े पर्दे पर कदम रखने जा रही हैं। यह फिल्म झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर अधारित है और अंकिता फिल्म में झलकरी बाई का किरदार निभा रही हैं। 'मुंबई लाइव' से खास मुलाकात में अंकिता ने फिल्म और निजी जीवन से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात की...   

 

फिल्म में आपका किरदार?
मैं फिल्म में झलकरी बाई का किरदार निभा रही हूं। यह एक ऐसी लड़की का किरदार है जो बहुत बहादुर है, जो किसी से नहीं डरती और वह किसी लड़के से कम नहीं है। दरअसल इस किरदार के बारे में ज्यादा कहीं विवरण नहीं है। झलकरी बाई, रानी लक्ष्मीबाई को डिस्गाइज करती थी। ब्रिटिश लोगों के सामने झलकरी बाई जाती थी और उन्हें लगता था कि यह रानी लक्ष्मीबाई है क्योंकि रानी लक्ष्मीबाई और झलकरी बाई एक जैसे दिखते थे। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। उनकी दुर्गादल नाम की एक महिलाओं की आर्मी होती थी जिसकी प्रमुख झलकरी बाई हुआ करती थी। 

झलकरी बाई को खुद से कितना रिलेट करती हैं?

झलकरी बाई से मैं खुद को बहुत ज्यादा रिलेट करता हूं। वह एक सूरवीर थीं। कभी भी वे अपने जीवन में किसी से डरी नहीं और उन्हें जो भी गलत लिया उसके खिलाफ उन्होंने स्टैंड लिया। मुझे ऐसा महसूस होता है कि मैं भी उन्ही की ही तरह हूं। मुझे जो चीज गलत लगती है मैं उसके खिलाफ बोलती ही हूं। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि किसे सही लग रहा है या किसे गलत। इसके चलते मैं लोगों की नजर में बुरी भी बनती हूं पर मुझे कोई अफसोस नहीं है।

फिल्म की ट्रेनिंग?  

निक पॉवेल ने हमें ट्रेनिंग दी थी जोकि हॉलीवुड से आए थे। यह ट्रेनिंग एक महीने तक चली थी। इस दौरान उन्होंने हमें घुड़सवारी, तलवार चलना, बंदूक चलाना जैसी बहुत सारी चीजें सिखाई थी। ट्रेनिंग के दौरान बहुत डर लगता था क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी में यह सब कभी नहीं किया था। शुरुआत में मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में मैंने खूब एन्जॉय किया। लेकिन हां घुड़सवारी से बहुत डर लगता था।

बॉलीवुड में आने में इतनी देरी क्यों?

हर चीज का सही समय होता है। जो चीज जब होनी होती है, वह तभी ही होती है। पहले मुझे फिल्मों के कई ऑफर्स आ चुके हैं, लेकिन काम होते होते रह गया। मुझे भगवान पर बहुत भरोसा है। जो होता है अच्छे के लिए होता है। अब बस यही चाहती हूं कि मुझे दर्शकों का प्यार मिले। जिस तरह से अर्चना (पवित्र रिश्ता किरदार) को मिला था।  

छोटे और बड़े पर्दे में क्या फर्क देखती हैं?

'पवित्र रिश्ता' में मैंने अर्चना का किरदार निभाया था जिसे लोगों ने खूब पसंद किया और सराहा है। इस किरदार से मेरे करियर को बहुत फायदा मिला है। अंकिता ने आगे कहा, छोटे परदे का स्टारडम आपको घर-घर पहुंचाता है। मैं गरीबों के घर पर अर्चना बन कर रही हूं। वह उनका प्यार है। मेरा मानना है कि बड़े परदे की स्टारडम केवल चमक है, लेकिन छोटे परदे की स्टारडम प्यार है। मुझे घमंड है कि मैं टेलीविजन का एक हिस्सा हूं। मैं इस बात को कभी नहीं नकार सकती कि मुझे टेलीविजन ने बनाया है।

कंगना रनौत एक अच्छी एक्ट्रेस हैं या डायरेक्टर?

एक एक्ट्रेस के तौर पर हमने कंगना को तो काफी पहले ही देख लिया था, वह अपने काम में परफेक्ट हैं। उनकी एक खास बात है वे जो भी करती हैं खुद के लिए बेहतरीन करती हैं। हालांकि उनका डायरेक्शन में डेब्यू है पर फिर भी उन्होंने जान झोक दी है।

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