शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने सरकार को पत्र लिख कर कहा है कि जिओ को आगे बढ़ाने के लिए MTNL की बलि दी जा रही है, इस मामले में सरकार को आगे आना चाहिए। सांसद होने के साथ साथ सावंत MTNL संघ के अध्यक्ष भी हैं। गौरतलब है कि इस समय अन्य टेलिकॉम कंपनियों की तरह MTNL भी घाटे में चल रही है रही है।
क्या है पत्र में?
अरविंद सावंत ने इस बाबत पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में आरोप किया गया है कि रिलायंस जिओ कंपनी की सेवा के लिए MTNL को डुबाया जा रहा है। साथ ही MTNL को आर्थिक मदद कर उसे घाटे से उबारा जाए, इस बारे में पीएम मोदी से दखल देने की भी मांग की गयी है।
सावंत ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि 2008 तक MTNL फायदे में चल रही थी। उसके बाद 3G की नीलामी में MTNL और BSNL को भाग लेने नहीं दिया गया। इसके बाद इन सरकारी कंपनियों को अन्य प्राइवेट कंपनियों की तरह 11 हजार करोड़ रूपये का शुल्क भरने को कहा गया। जबकि अन्य प्राइवेट कंपनियां 3G सेवा देकर अपने ग्राहक बढ़ा रहीं थीं। MTNL के पास मात्र साढ़े 4 करोड़ तो BSNL के पास 12 करोड़ ग्राहक हैं इसके बाद भी इन्हे अपनी प्राइवेट कंपनियों की तरह ही समान शुल्क लगाया गया।
पत्र में आगे लिखा गया है कि 211 करोड़ रूपये कमाने वाली MTNL के लिए 11 हजार करोड़ का शुल्क भरना असंभव था, इसीलिए इस शुल्क को भरने के लिए MTNL ने 10 फीसदी की दर से कर्ज लिया। जिसका ब्याज ही 1000 करोड़ रूपये भरा गया, इसीलिए MTNL गर्त में डूबती चली गयी। सावंत में पत्र के द्वारा मांग की कि MTNL को डूबने से बचाने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए और आर्थिक मदद करनी चाहिए।
आपको बता दें कि जब से जिओ ने मार्किट में दस्तक दी है तब से प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी टेलिकॉम कंपनियां भी घाटे में चल रहीं हैं। बीएसएनएल ने पहली बार इस महीने की तनख्वाह अपने कर्मचारियों को नहीं दी पाई। कई कंपनियों ने यह भी कहा है कि जिओ पहुंचाने के लिए सरकार ने उसके पक्ष में कई नीतियां बनाई है।