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मध्य रेलवे आरपीएफ ने 538 गुमशुदा बच्चों को सफलतापूर्वक उनके माता-पिता से मिलाया

'चाइल्ड लाइन' नामक एनजीओ की मदद से गुमशुदा बच्चों को उनके माता-पिता से मिलवाया गया

मध्य रेलवे आरपीएफ ने 538 गुमशुदा बच्चों को सफलतापूर्वक उनके माता-पिता से मिलाया
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रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म पर भीड़ के कारण कई बच्चे अपने माता-पिता से बिछड़ जाते हैं। ये बच्चे स्टेशन परिसर में भटकते रहते हैं, या किसी कोने में बैठकर रोते रहते हैं। मध्य रेलवे के आरपीएफ विभाग ने ऐसे बच्चों को खोजने, उनकी पृष्ठभूमि समझने, उनके माता-पिता को खोजने और उन्हें घर भेजने का काम किया है। (CR RPF Successfully Reunites 538 Missing Children with Their Parents)

पिछले तीन महीनों में रेलवे प्रशासन ने रेलवे क्षेत्र में गुम हुए 538 बच्चों को वापस लाने में सफलता हासिल की है। मध्य रेलवे का रेलवे सुरक्षा बल (RPF) रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्रों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, वे विभिन्न अभियानों में भाग लेते हैं। साथ ही, मध्य रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल द्वारा मुंबई, पुणे, सोलापुर, भुसावल, नागपुर डिवीजनों में 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' अभियान चलाया जा रहा है।

इस अभियान के तहत, रेलवे सीमा के भीतर घर से खोए या भागे हुए बच्चों को घर भेजा जाता है। 1 अगस्त 2024 से 30 नवंबर 2024 तक, RPF ने 538 बच्चों को घर भेजा है। इनमें 384 लड़के और 154 लड़कियां शामिल हैं। 'चाइल्ड लाइन' नामक एक गैर सरकारी संगठन की मदद से इन बच्चों को उनके माता-पिता से मिलवाया गया।

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