केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विभाग (RTO) द्वारा जारी सरकारी निर्णय के अनुसार, 15 वर्ष पुराने वाहनों के पुनः पंजीकरण शुल्क में वृद्धि की गई है।
महाराष्ट्र राज्य माल एवं यात्री परिवहन संघ का विरोध
देश में आम जनता द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी 15 वर्ष पुराने रिक्शा, टैक्सी, बस, ट्रक, साथ ही दोपहिया और चार पहिया वाहनों के पुनः पंजीकरण शुल्क में वृद्धि की गई है। 8,000 रुपये का पुनः पंजीकरण शुल्क अब 12,000 से 18,000 रुपये तक हो जाएगा। इस शुल्क वृद्धि का महाराष्ट्र राज्य माल एवं यात्री परिवहन संघ ने कड़ा विरोध किया है।
वर्तमान में देश में ट्रांसपोर्टरों पर विभिन्न प्रकार के कर लगाए जाते हैं। कई स्थानों पर बुनियादी ढांचे का अभाव है। देश में अधिकांश स्थानों पर, प्रमुख शहरों को छोड़कर, 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों का स्थानीय स्तर पर ही उपयोग किया जाता है।
कई लोग इन वाहनों का उपयोग अपने व्यवसाय के लिए करते हैं। इसलिए, यह शुल्क वृद्धि आम आदमी की जेब पर भारी पड़ेगी। मध्यम वाहनों के पुनः पंजीकरण के लिए लगभग 8,000 रुपये का शुल्क लिया जा रहा था।केंद्र सरकार द्वारा की गई इस भारी फीस वृद्धि के विरोध में केंद्र सरकार से पुनर्विचार की मांग की जा रही है। जल्द ही देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। केंद्र सरकार इस पर पुनर्विचार करे, अन्यथा देशव्यापी हड़ताल होगी।
महाराष्ट्र राज्य माल एवं यात्री परिवहन संघ के अध्यक्ष बाबा शिंदे ने कहा कि 15 वर्ष से अधिक पुराने सभी वाहनों को स्क्रैप करने तथा वाहन निर्माता कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए शुल्क में भारी वृद्धि की गई है।
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