बीएमसी ने आगामी गणेशोत्सव और नवरात्रि समारोह को पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए एक परिपत्र जारी किया है। आगामी गणेशोत्सव के दौरान मुंबई महानगर पालिका क्षेत्र में पीओपी और ऊंची गणेश मूर्तियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। (This Ganeshotsav no POP idols, 2 thousand fine for pits by pandal)
कोर्ट का फैसला
मुंबई महानगर पालिका द्वारा न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए एक परिपत्र जारी किया गया है। माघी गणेशोत्सव के दौरान तालाब में पीओपी गणेश प्रतिमाओं की उपस्थिति के कारण विसर्जन पर रोक लगा दी गई थी। इसके कारण उपनगरीय मुंबई के कई गणेश मंडलों ने इस निर्णय का विरोध किया।
आदेश को सख्ती से लागू करेगी बीएमसी
मुंबई नगर निगम की ओर से आने वाले नियमों के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि गणेशोत्सव मंडल, मूर्तिकार और राजनीतिक नेता क्या भूमिका निभाते हैं।मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा दायर जनहित याचिका 96/2024 में 30 जनवरी 2025 के अंतरिम आदेश के अनुसार, पीओपी गणेश मूर्तियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है और मुंबई नगर निगम को 12 मई 2020 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है।
गणेश मूर्ति निर्माताओं को पर्यावरण अनुकूल मूर्तियां बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नगर निगम ने मूर्ति निर्माताओं को निःशुल्क मंडप परमिट प्रदान किए हैं। सार्वजनिक एवं निजी भूमि पर मंडपों के लिए आवेदन प्रस्तुत करते समय पिछले वर्ष का मंडप परमिट संलग्न करना होगा।
मंडप के प्रवेश द्वार पर यह चिन्ह लगाना होगा कि केवल पर्यावरण अनुकूल मूर्तियां ही बनाई जाती हैं। नगर पालिका ने नियम बनाया है कि गणेशोत्सव के दौरान मूर्ति का आगमन और विसर्जन सुनिश्चित करने के लिए मूर्ति को इतनी ऊंचाई पर बनाया जाना चाहिए कि स्थापना के दौरान मूर्ति स्थिर रहे।
परिपत्र में बीएमसी ने दोहराया कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों पर सख्त प्रतिबंध है। यद्यपि ऊंचाई की कोई सीमा निर्दिष्ट नहीं की गई है, लेकिन इस बात पर जोर दिया गया है कि मूर्तियां स्थिर और संरचनात्मक रूप से सुरक्षित होनी चाहिए।
पिछले नियमों के अनुसार, गणपति मंडलों से सड़कों और फुटपाथों पर मंडप बनाते समय बनने वाले प्रत्येक गड्ढे के लिए 2000 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, मूर्तिकारों को यह भी बताना होगा कि मूर्ति पर्यावरण अनुकूल है।
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