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'द वर्डिक्ट - स्टेट वर्सिस नानावटी' में किरदारों के असली नामों का किया गया इस्तेमाल!

ऑल्ट बालाजी की आगामी श्रृंखला 'द वर्डिक्ट - स्टेट वेर्सिस नानावती' की कहानी 1959 की वास्तविक जीवन की घटना पर आधारित है। ऐसे में निर्माताओं ने सीरीज़ में वास्तिवकता बनाये रखने की हर मुमकिन कोशिश की है।

'द वर्डिक्ट - स्टेट वर्सिस नानावटी' में किरदारों के असली नामों का किया गया इस्तेमाल!
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ऑल्ट बालाजी की आगामी श्रृंखला 'द वर्डिक्ट - स्टेट वेर्सिस नानावटी' की कहानी 1959 की वास्तविक जीवन की घटना पर आधारित है। ऐसे में निर्माताओं ने सीरीज़ में वास्तिवकता बनाये रखने की हर मुमकिन कोशिश की है।

यह इकलौता ऐसा शो है जिसमें पात्रों के असली नामों का इस्तेमाल किया गया है जो नानावती मामले की वास्तविकता के बेहद करीब है। इससे पहले, इस केस पर बन चुकी सभी फिल्मों में काल्पनिक नामों का इस्तेमाल किया गया था लेकिन 'द वर्डिक्ट - स्टेट वेर्सिस नानावटी' में सभी पात्रों को असली नामों से संबोधित किया जाएगा जो ऑल्ट बालाजी की इस आगामी सीरीज को अधिक रोचक बनाता है।

चूंकि यह एक वेब सीरीजहै और ओटीटी प्लेटफार्म पर कम प्रतिबंध होता है, ऐसे में निर्माताओं ने मामले से जुड़ी हर जानकारी दिखाने की पूरी कोशिश की है और उन्होंने विभिन्न पात्र और उनके दृष्टिकोण की तह तक जाने का भी प्रयास किया है।

शशांत शाह द्वारा डायरेक्टेड, 10-एपिसोड की सीरीज 1959 की वास्तविक जीवन की घटना पर आधारित है जहां एक दमदार पारसी नौसेना अधिकारी ने अपने रिवाल्वर की तीन गोलियों से एक समृद्ध सिंधी व्यापारी को छलनी कर दिया था जिसके बाद उस पारसी नौसेना अधिकारी ने पुलिस के पास स्वयं अपने क्रूर अपराध को स्वीकार भी कर लिया था। छह दशकों के बावजूद, केएम नानावटी बनाम महाराष्ट्र राज्य की कुख्यात कहानी अभी भी भारत में सबसे सनसनीखेज आपराधिक मामलों में से एक है। यह कहानी 30 सिंतबर से ऑल्ट बालाजी पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध होगी।

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