Advertisement

दो करोड़ रुपये देने के बाद भी हिंदी भवन की खस्ता हालत


SHARES

कलीना- मुंबई यूनिवर्सिटी के कलीना कैंपस में डॉ राममनोहर त्रिपाठी हिंदी भाषा भवन बनाने के लिए 3 साल पहले भूमिपूजन किया गया था। इस कार्य के लिए तात्कालीन सरकार ने 5 करोड़ रुपये की निधि मंजूर की थी। अभी तक इस कार्य के लिए 2 करोड़ रुपये दिये जाने के बाद भी भूमिपूजन के अलावा कोई कार्य नहीं किया गया है।

निर्माण कार्य शुरू नहीं होता देख उपजिलाधिकारी कार्यालय ने 2 करोड़ रुपये वापस मांगे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली का आरोप है कि जानबूझकर हिंदी भवन के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया गया। तात्कालीन राजस्व मंत्री नारायण राणे के हाथों कलीना कैंपस में भूमिपूजन किया गया था। जब इस मामले में यूनिवर्सिटी से संपर्क किया गया तो उन्होंने मुंबई लाइव को बताया कि मुंबई यूनिवर्सिटी खुद के पैसों से इमारत बांधकर उसमें हिंदी, ऊर्दू व अन्य भाषा विभागों की व्यवस्था करेगी।

वहीं दूसरी तरफ हिंदी भवन के लिए दिये गए 2 करोड़ रुपये में से 2 लाख 50 हजार रुपये यूनिवर्सिटी ने किसी और कार्य में खर्च कर दिये हैं। इस संदर्भ में अनिल गलगली ने राज्यपाल को पत्र लिखकर वाइस चांसलर डॉ संजय देशमुख के साथ-साथ पूर्व वाइस चांसलर डॉ राजन वेलुकर के जांच की मांग की है।

Read this story in English or मराठी
संबंधित विषय
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें