कोरोना (Coronabirus) की बढ़ती घटनाओं को रोकने में काफी हद तक मास्क कारगर सिद्ध होता है। चूंकि अभी तक कोरोना (Covid-19) के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए शासन और प्रशासन की तरफ से कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए मास्क पहनना, नियमित रूप से हाथ धोना और सामाजिक दूरी (social distance) बनाए रखना सावधानियां बरतने को कहा जा रहा है।
हालांकि, मास्क की मांग अधिक होने के कारण मास्क की कालाबाजारी होने लगी और उसकी कीमतें आसमान छूने लगी। जिसके बाद प्रशासन ने इस पर नियंत्रण रखने का निर्णय लिया है, ताकि नागरिकों को सही कीमत पर मास्क उपलब्ध हो सके।
इस बाबत प्रशासन ने पहल करते हुए राज्य में N-95 मास्क अब 19 रुपये से लेकर 49 रुपये तक उपलब्ध होगा, जबकि दो-परत और तीन-परत वाले मास्क मात्र 3 से 4 रुपये में उपलब्ध होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (health minister rajesh tope) ने बताया कि राज्य सरकार ने इस संबंध में एक निर्णय की घोषणा की है, जब तक राज्य में संक्रामक रोग कानून लागू नहीं हो जाता तब तक बिभिन्न श्रेणी के मास्क के लिए अधिकतम विक्रय मूल्य सीमा लागू नहीं रहेगी।
कोरोना को नियंत्रण में रखने के लिए राज्य सरकार नागरिकों से मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग करने की हिदायत दे रही है। साथ ही जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (ajit pawar) की तरफ़ से इस निर्णय को मंजूरी दे दी है ताकि आम लोगों तक अच्छे मास्क आसानी से और बेहद कम कीमतों में पहुंच सके।
इस बीच, सैनिटाइज़र और मास्क के लिए दरों का निर्धारण करने के लिए एक समिति भी बनाई गई थी। समिति ने दरों को तय करने से पहले निर्माण कंपनियों के साथ चर्चा की। निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और वितरकों ने उत्पादन क्षेत्र, कार्यालय, गोदाम और उत्पादन की लागत का दौरा किया है और लागत उचित संपादकों की मदद से इन सबकी उचित कीमत निर्धारित की गई है।
मास्क के लिए अन्य नियम व शर्तें