100 करोड़ रुपये की रंगदारी मामले में आरोपी मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वाजे ने दावा किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि देशमुख ने अपने निजी सहायक के जरिए पैसे वसूले।
आरोप एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल तक भी पहुंचे
वाजे ने न सिर्फ देशमुख को घेरा है, बल्कि एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल पर भी आरोप लगाए हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में वाजे ने कहा कि उन्होंने पाटिल का नाम लिया है और सभी जरूरी सबूत मुहैया कराए हैं। वाजे ने अपने दावों के समर्थन में नार्कोएनेलिसिस टेस्ट कराने की इच्छा जताई।
गहन जांच
इन गंभीर आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता और एमएलसी प्रसाद लाड ने आरोप सही पाए जाने पर अनिल देशमुख को फिर से गिरफ्तार करने की मांग की है। लाड ने मामले की व्यापक जांच की जरूरत पर जोर दिया। इसी तरह, मंत्री गिरीश महाजन ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर हुई सभी जबरन वसूली गतिविधियों की जांच की मांग की है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए वेज़ को हेरफेर करने का आरोप लगाया है। राउत ने सुझाव दिया कि भाजपा की कार्रवाई चुनावी हार के डर से प्रेरित है, जो मनसुख हिरन हत्या मामले और मुकेश अंबानी के आवास के बाहर 2021 एंटीलिया बम कांड में वेज़ की संलिप्तता को उजागर करके उन्हें बदनाम कर रही है।
इस बीच, अनिल देशमुख ने पहले फडणवीस पर उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, अजीत पवार और अनिल परब के खिलाफ हलफनामों पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था, उन्होंने दावा किया कि समित कदम नामक एक मध्यस्थ ने इन हलफनामों से संबंधित प्रस्तावों के साथ कई बार उनसे संपर्क किया था।
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