नागिरक संशोधन कानून(CAA), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और ईवीएम (EVM) के खिलाफ बुधवार को बहुजन क्रांती मोर्चा (bahujan kranti morcha), ट्रेड युनियंस सहित तमाम संगठनों ने भारत बंद की घोषणा की थी। इस बंद के दौरान कुछ खास असर नहीं पड़ा, लेकिन इतना जरुर है कि कई इलाकों में लोगों ने रैली निकाल कर CAA के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया। इस बंद को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे ने आरोप लगाया है कि इस बंद को आघाड़ी सरकार का समर्थन मिला है।
क्या कहा मनसे ने?
मनसे के पदाधिकारी संदीप देशपांडे ने उद्धव सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, इस समय देश में एक के बाद एक बंदी घोषणा का दौर सा चल रहा है, लेकिन हद से अधिक किसी भी चीज की अति खराब होती है। लेकिन बंद को देख कर ऐसा लगता है कि सरकार के छिपे समर्थन के कारण प्रदर्शनकारी बंद का आह्वान कर रहे हैं।
आपको बता दें कि मनसे की तरफ से भी देश में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशियों के खिलाफ 9 फरवरी को रैली का आयोजन किया गया है। इसके पहले राज ठाकरे ने मनसे के अधिवेशन में CAA और NRC को समर्थन देने की बात कही थी लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि उन्होने केवल अवैध रूप से र्य्हने वाले पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को भगाने की बात कही थी, उन्होंने CAA और NRC को समर्थन देने की बात नहीं कही थी।
गौरतलब है कि मुंबई में बंद जरुर बुलाया गया था, लेकिन नजारा आम दिनों के तरह ही दिखा। स्कूल, कॉलेज, बैंक से लेकर सभी सरकारी कार्यालय खुले हुए थे। एहतियात के तौर पर मुंबई में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गयी थी. हालंकि सुबह के समय सड़कों पर वाहनों की संख्या जरुर कम दिखी लेकिन दोपहर आते-आते हालात सामान्य हो गये। हां, मुंबई के ही कांजुरमार्ग रेलवे स्टेशन पर बहुजन क्रांती मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोकने की कोशिश की लेकिन तत्काल हालात पर काबू पा लिया गया।