हम सभी को पता है की स्वर्गीय शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे चांदी के सिंहासन पर बैठना पसंद करते थे। ये कुर्सी उनकी पहचान बन गई थी। आज भी बालासाहेब के इस कुर्सी को उन्हे श्रद्धांजली के तौर पर खाली रखा जाता है और इस कुर्सी पर कोई नहीं बैठता है। कई शिवसैनिक ने बाला साहेब को चांदी का सिंहासन गिफ्ट करते थे। ऐसा ही कुछ हुआ मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ लेकिन उन्होने चांदी का सिंहासन लेने से मना कर दिया।
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पुणे के विधाते परिवार ने दिया गिफ्ट
मनसे के एक कार्यकर्ता की ओर से मनसे प्रमुख राज ठाकरे को चांदी का एक सिंहासन गिफ्ट किया गया , लेकिन राज ठाकरे ने उसे अपने पास नहीं रखा। कार्यकर्ता का मन रखने के लिए राज ठाकरे ने कुर्सी की तारीफ की, लेकिन उसे अपने पास रखने से मना कर दिया। पुणे के रहनेवाले विधाते परिवार राज ठाकरे का प्रशंसक और समर्थक दोनों है। परिवार ने एक चांदी का सिंहासन तैयार करके लिया। इस सिंहासन को लेकर विधाते परिवार शनिवार को राज ठाकरे के निवास स्थान कृष्ण कुंज पर पहुंचा।
राज ने की कुर्सी की तारीफ
राज ठाकरे ने बड़े ही बारिकी से इस कुर्सी को देखा लेकिन इसे अपने पास रखने से नकार दिया। दरअसल विधाते परिवार की इच्छा थी की बाला साहेब की तरह राज ठाकरे भी चांदी के सिंहासन पर बैठकर पार्टी को चलाये ।
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दरअसल शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे को भी एक शिवसेैनिक ने चांदी की सिंहासन दिया था , लेकिन इसपर काफी बवाल हुआ था। जिसके बाद इस सिंहासन का उपरी हिस्सा कांटकर सिर्फ लकड़ी की ही कुर्सी का इस्तेमाल करते थे।