राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली हिंसा के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पवार मुंबई में एनसीपी के कार्यकर्ता शिविर कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने दिल्ली हिंसा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की भी आलोचना की।
क्या कहा पवार ने?
पवार ने कहा, राज्य की सरकारों की शक्ति सीमित होती है। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य सरकार चिंतित है। दिल्ली की सरकार को कानून प्रशासन का संवैधानिक अधिकार नहीं दिया गया है। चूंकि यह केंद्र के पास है, इसलिए दिल्ली में जो कुछ भी होता है उसकी 100 फीसदी जिम्मेदार केंद्र सरकार ही है।
पीएम ने दिया समाज को बांटने वाला भाषण
शरद पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद ,महाराष्ट्र सहित चार राज्यों में हार का मुंह देखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के अन्य नेताओं ने दिल्ली चुनाव में धार्मिक विद्वेष को बढ़ाने वाली बयानबाजी की। पीएम मोदी के भाषण को सुनकर यही समझ में आता है। देश का नेतृत्व करने वाले ऐसे व्यक्ति अगर इस तरह से धर्म के आधार पर सामाज को बांटने वाला भाषण देंगे तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।इसके बावजूद दिल्लीवासियों ने विधानसभा चुनावों में भाजपा को खारिज कर दिया, और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
एक विशेष समुदाय को बनाया गया निशाना
एनसीपी चीफ ने आगे कहा, दिल्ली भी मुंबई की तरह एक काॅस्मोपाॅलिटन शहर है। बीजेपी यहां से नहीं जीत पाई तो वह गुस्से में इस शहर को आग लगाने का काम कर रही है। दिल्ली में माहौल को जानबूझकर खराब किया जा रहा है। जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत आए थे, तो एक विशेष समाज के लोगों को निशाना बनाया गया था। कुछ धार्मिक संस्थानों को नुकसान पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार को अब उखाड़ फेंकने का समय आ गया था।
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि शाह दंगों को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे।