मनसे प्रमुख राज ठाकरे (MNS RAJ THACKERAY AYODHYA TOUR) के अयोध्या दौरे को लेकर काफी विवाद हुआ। जैसी ही राज ठाकरे ने अयोध्या जाने की तारिख का एलान किया।, वैसी ही उत्तर प्रदेश से बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह ने राज ठाकरे को चेतावनी दी की अगर राज ठाकरे उत्तर भारतीयों से माफ़ी नहीं मांगते तो उन्हे अयोध्या नही आने दिया जायेगा। हालंकि इस महिने की 20 तारीख को राज ठाकरे ने अपने अयोध्या दौरे को रद्द करनेका एलान किया। राज ठाकरे के इस एलान के बाद राजनीतिक गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे थे, जिसपर राज ठाकरे ने आज की पुणे सभा में सभी सवालों के जवाब दिए।
'अयोध्या में विरोधी एक ट्रैप'
इस सभा में राज ठाकरे ने बताया कि आखिर क्यों उनका अयोध्या दौरा रद्द किया गया। उन्होंने इस दौरान कहा कि "अगर मैं अयोध्या जाता तो मेरे साथ मेरे पार्टी के कई कार्यकर्ता भी जाते, और अगर वह कुछ होता तो हमारे कार्यकर्ता भी शांत नहीं बैठते, जिसके बाद हमारे कार्यकर्ताओं पर पुलिस केस दर्ज किए जाते और एन चुनाव के वक्त अगर कार्यकर्ता पुलिस के चक्करों में फंस जाएंगे तो चुनाव में काम कौन करता"
"मातोश्री मस्जिद है क्या"
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि " दो दिन पहले मैंने अपनी अयोध्या यात्रा स्थगित करने के बारे में ट्वीट किया था। मैंने जानबूझकर बयान दिया ताकि सभी को अपनी प्रतिक्रिया देने की अनुमति मिल सके, जो लोग मेरी अयोध्या यात्रा के खिलाफ थे, वे मुझे फंसाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैंने इस विवाद में नहीं पड़ने का फैसला किया।, जब मैंने अपने कार्यकर्ताओं को लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने के लिए कहा, तो राणा दंपत्ति ने कहा कि वे मातोश्री में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे क्या मातोश्री एक मस्जिद है? बाद में शिवसैनिकों और राणा दंपत्ति के बीच क्या हुआ, यह तो सभी जानते हैं"
शिवसेना पर भी निशाना साधा
राज ठाकरे ने कहा कि" क्या शिवसेना ये तय करेगी कि असली और नकली हिंदुत्व क्या है। उत्तर भारतीयों के अपमान के आरोप पर उन्होंने कहा कि, हमारा आंदोलन इसलिए था कि लोगों को अपने राज्य में ही नौकरी मिले, अब हमसे माफी मांगने की बात क्यों कही जा रही है, गुजरात में भी उत्तर भारतीयों को भगाया गया , वह कौन माफी मांगे"