मुंबई - शुक्रवार को नामांकन भरने का आखिरी दिन है। शिवसेना के 2 नगरसेवक और एक पूर्व नगरसेवक ने शिवसेना छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है। ये तीनों काफी कट्टर शिवसैनिक माने जाते थे। इन तीनों का आरोप है कि शिवसेना ने बड़े नेताओं और उनके करीबियों को टिकट दिए हैं जिससे उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। विरोधवश उन्होंने शिवसेना छोड़ दादर के वसंत स्मृति में बीजेपी में प्रवेश किया।
पूर्व सभागृह नेता और शिवसेना के पूर्व नगरसेवक प्रभाकर शिंदे को मुलुंड इलाके में एक निष्ठावान शिवसैनिक

माना जाता था। शिशिर शिंदे के मनसे में प्रवेश करने के बाद प्रभाकर शिंदे ने शिवसेना की ओर से टिकट पाने के लिए काफी मशक्कत की। लेकिन पिछलें चुनाव में मिली हार के कारण इस बार पार्टी ने भी उनसे दूरी बनाए रखी। प्रभाग क्रमांक 106 खुला होने के कारण प्रभाकर शिंदे इच्छुक उम्मीदवार थे, लेकिन बीजेपी से शिवसेना में प्रवेश किये अभिजीत कदम को उम्मीदवारी मिली। जिसके बाद प्रभाकर शिंदे ने मातोश्री पर अपनी बात रखी,लेकिन किसी भी तरह की सुनवाई ना होने के कारण उन्होंने बीजेपी में प्रवेश किया।
अभिजित कदम पहले शिवसंग्राम संगठना में थे। जिसके बाद उन्होंने ने एनसीपी में प्रवेश किया। एनसीपी के बाद उन्होंने बीजेपी में प्रवेश किया और फिर अंत में शिवसेना में फिर से वापस आ गए। लालबाग में संजय (नाना) आंबोले का प्रभाग महिला आरक्षित होने के कारण वो अपनी पत्नी की उम्मीदवारी की मांग कर रहे थे। मगर विधायक और विभाग प्रमुख अजय चौधरी की ओर से उन्हें टिकट जाने का विरोध किया जाने लगा। विरोध के बाद संजय (नाना) आंबोले ने भी बीजेपी में प्रवेश किया।

मानखुर्द के प्रभाग 144 महिला आरक्षित होने के कारण स्थानिक नगरसेवक दिनेश (बबलू) पांचाल ने अपने पत्नी के लिए उम्मीदवारी की मांग की थी। उन्होने अपनी पत्नी का प्रचार भी शुरु कर दिया था। पर एन वक्त पर सांसद राहुल शेवाले की पत्नी कामिनी मयेकर- शेवाले को उम्मीदवारी दे दी गई। जिसके बाद दिनेश (बबलू) पांचाल ने बीजेपी में प्रवेश किया।