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कॉर्नेलिया सोराबजी बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाली पहली महिला, गूगल ने किया याद!


कॉर्नेलिया सोराबजी बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाली पहली महिला, गूगल ने किया याद!
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भारत की पहली महिला बैरिस्टर कॉर्नेलिया सोराबजी का आज 151वां जन्मदिवस है। भारत की यह पहली महिला है जिन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया, और ब्रिटेन यूनिवर्सिटी से लॉ। उनकी इस याद को खास बनाया है गूगल ने। गूगल ने कॉर्नेलिया सोराबजी का डूडल बनाया है।

कॉर्नेलिया सोराबजी का जन्म 15 नवंबर 1866 को नाशिक में हुआ था। सोराबजी समाज सुधारक होने के साथ-साथ एक लेखिका भी थीं। कार्नेलिया 1892 में नागरिक कानून की पढ़ाई के लिए विदेश गयीं और 1894 में भारत लौटीं।

कॉर्नेलिया ने महिलाओं और शोषित वर्ग के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। ऐसा माना जाता है कि कॉर्नेलिया के खून में ही नारीवाद था। उनकी मां पुणे में लड़कियों को पढ़ाने और महिलाओं को सबल बनाने के लिए स्कूल चलाती थीँ। कॉर्नेलिया के पांच भाई और एक बहन थी। वह एक ऐसा समय था जब महिलाएं मुखर नहीं थीं और न ही महिलाओं को वकालत का अधिकार था। लेकिन कॉर्नेलिया तो एक जुनून का नाम था। अपनी प्रतिभा की बदौलत उन्होंने महिलाओं को कानूनी परामर्श देना आरंभ किया और महिलाओं के लिए वकालत का पेशा खोलने की मांग उठाई।

1907 के बाद कॉर्नेलिया को बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम की अदालतों में सहायक महिला वकील का पद दिया गया। एक लंबी लड़ाई के बाद 1924 में महिलाओं को वकालत से रोकने वाले कानून को शिथिल कर उनके लिए भी यह पेशा खोल दिया गया। 1929 में कॉर्नेलिया हाईकोर्ट की वरिष्ठ वकील के तौर पर सेवानिवृत्त हुईं, उसके बाद महिलाओं में काफी जागरुकता आ चुकी थी। और वे वकालत को एक पेशे के तौर पर अपनाकर अपनी आवाज उठाने लगी थीं। 6 जुलाई 1954 में कॉर्नेलिया का लंदन में देहांत हो गया था।

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