आज विश्व खाद्य दिवस यानी की World Food Day है। संयुक्त राष्ट्र संघ की 1945 में खाद्य एवं कृषि संगठन के स्थापना दिवस 16 अक्टूबर के दिन इस सम्मान को विश्वभर में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन का सबसे बड़ा महत्तव लोगों को खाद्य पदार्थों के सेवन के बारे में सही जानकारी देना। लेकिन मुंबई जैसे शहर में ही अब इस दिन का महत्तव धीरे धीरे कम होता जा रहा है। एक सर्वे के मुताबिक मुंबई में 20 फिसदी से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार है। मुंबई का ये एक ऐसा चेहरा जो हमारे सामने आते है भविष्य के बारे में एख गहरा सवाल खड़ा करता है।
बीएमसी स्कूलों में हर तीन में से एक बच्चा कुपोषण का शिकार
मुंबई को चलानेवाली बीएमसी का सालाना बजट हजारो करोड़ रुपये का होता है। बीएमसी अपने स्कूलों पर करोड़ो रुपये खर्च करने का दावा भी करती है , लेकिन स्कूलों की हालत किसी से छुपी नही है। एक आरटीआई से ये बात सामने आई है की बीएमसी स्कूलों में पढ़नेवाले हर तीन बच्चों में एक बच्चा कुपोषण का शिकार है।कुपोषण से जूझ रहे बच्चों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। ये अलग बात है की बीएमसी स्कूलो में मिड मील स्कीम भी चलाई जाती है। बावजूद इसके बीएमसी स्कूलों के बच्चों में कुपोषण की मात्रा बढ़ती ही जा रही है। प्रजा फाउंडेशन नामक एक गैर सरकारी संगठन ने आरटीआई के तहत ये जानकारी हासिल की है।
गोवंडी, ख़ार और कुर्ला में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे
मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में सबसे निचले स्तर पर गोवंडी इलाके का नाम आता है। गोवंडी में कुपोषित बच्चों की संख्या सबसे अधिक है। गोवंडी के बाद ख़ार दूसरे स्थान पर, तो वहीं कुर्ला तीसरे स्थान पर है।
गोवंडी में हर चार में से दो बच्चे कुपोषण का शिकार
अपनालय संस्था द्वारा किए गए एक सर्वे में ये बात सामने आई है की गोवंडी में हर चार में से दो बच्चे कुपोषित है। 35 फिसदी बच्चों का वजह सामान्य से कही कम है। तो वही 35 फिसदी से भी ज्यादा परीवारो की मासिक आय 4 से 6 हजार के बीच है। गोवंडी डंपिंग ग्राउंड के पास रहनेवाले तीन हजार छोटे बच्चों पर किये गए सर्वे के बाद ये जानकारी अपनायल ने दी है।
गोवंडी के रफी नगर, सैनीगर, निरंकारी नगर, बूदनगर, शांतिनगर, इंदिरानगर और आदर्शनगर में इस सर्वे का आयोजन किया गया था। इन 7 झूग्गी इलाको में रहनेवाले लोग गोवंडी डंपिंग ग्राउंड के पास रहते है। इतना ही नहीं अपनालय के रिपोर्ट के मुताबिक बीएमसी स्कूलों में पढ़नेवाले 50 फिसदी बच्चे कुपोषित है।
मुंबई में 20 फिसदी बच्चे कुपोषण का शिकार
ये बात शायद आपको हैरान करें लेकिन मुंबई में लगभग 20 फिसदी से भी ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार है।
लगातार बढ़ रही है कुपोषित बच्चो की संख्या
प्रजा फाउंडेशन द्वारा मांगी गई आरटीआई की जानकारी में ये बात सामने आई है की 2014 में कुपोषण के शिकार बच्चों की संख्या 11831 थी। 2014-2015 में यह संख्या बढ़ कर 53408 हो गई। 2015-2016 में यही संख्या अब 64681 हो गई।
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