मुंबई की लोकल ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ के कारण कई लोगों की जान चली गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भगदड़ में जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के माता-पिता को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है। (Court grants Rs 4 lakh compensation to parents of Mumbai train accident victim)
रेलवे के दावे को किया खारिज
साथ ही कोर्ट ने रेलवे के दावे को भी खारिज कर दिया है। 8 मई 2010 को एक यात्री भीड़ भरी ट्रेन से गिरकर मर गया। इस मामले में अदालत ने यात्रियों के माता-पिता को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार नासिक अहमद खान के पास वडाले से सैंडहर्स्ट रोड-चिंचपोकली तक का मासिक पास था। वह हमेशा इसी रास्ते से यात्रा करता था।
2010 में एक दिन वह सुबह करीब 8:30 बजे घर से निकले। उस दिन लोकल ट्रेन में बहुत भीड़ थी। भीड़ के कारण लोग एक-दूसरे से टकरा रहे थे। तभी नासिर ट्रेन से गिर गया। वह गंभीर रूप से घायल हो गया। राहगीरों ने उसे जेजे अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
रेलवे ट्रिब्यूनल ने नासिर के माता-पिता के दावे को खारिज कर दिया था। न्यायाधिकरण ने सवाल उठाया था कि क्या नासिर वास्तव में यात्री था और क्या यह घटना रेलवे अधिनियम के तहत 'अनुचित घटना' के रूप में योग्य है। न्यायाधिकरण ने नासिर द्वारा दुर्घटना के तुरंत बाद रेलवे अधिकारियों को घटना की सूचना न देने पर संदेह व्यक्त किया था और जब्त रेलवे टिकट वापस न करना।
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