महाराष्ट्र डांस बार को फिर से खोलने से रोकने के लिए अपने कानूनों में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। कई डांस बार अभी भी कानूनी खामियों का फायदा उठाकर काम कर रहे हैं। अब, राज्य सरकार अगली कैबिनेट बैठक में संशोधन के लिए प्रस्ताव पेश करने की योजना बना रही है। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो विधानमंडल में बदलावों की समीक्षा की जाएगी। (Maharashtra Plans Tougher Laws to Block Dance Bar Reopening)
कानून की खामियो का फायदा उठाकर चल रहे है कई डांस बार
यह फैसला उन रिपोर्टों के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि कुछ डांस बार को फिर से खोलने की कोशिश कर रहे हैं। मौजूदा योजनाओं के अनुसार, महाराष्ट्र होटल, रेस्तरां और बार रूम में अश्लील नृत्य निषेध और महिलाओं की गरिमा की सुरक्षा अधिनियम, 2016 में संशोधन किया जाएगा, ताकि डांस बार को खोलना बेहद मुश्किल हो जाए। मंगलवार, 18 फरवरी को राज्य कैबिनेट को एक मसौदा प्रस्ताव को मंजूरी देनी थी।
2013 मे सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा
सुझाए गए बदलावों के कारण चर्चा स्थगित कर दी गई। महाराष्ट्र में डांस बार का कानूनी लड़ाई का लंबा इतिहास रहा है। राज्य ने पहली बार 2005 में उन पर प्रतिबंध लगाया था, जब आर.आर. पाटिल गृह मंत्री थे। 2006 में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रतिबंध को पलट दिया। हालांकि, 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
इस फैसले को दरकिनार करने के लिए सरकार ने 2014 में हाई-एंड होटल और क्लबों पर भी प्रतिबंध लगा दिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस कदम की आलोचना की। 2016 में, महाराष्ट्र ने अश्लील नृत्य पर रोक लगाने और इन जगहों पर काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नया कानून पारित किया। इस कानून ने डांस बार के संचालन को बहुत मुश्किल बना दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में फिर से सरकार की सख्त नियमों के लिए आलोचना की। डांस बार मालिकों और संगठनों को नए नियमों के तहत फिर से खोलने के लिए संघर्ष करना पड़ा।संशोधित कानून में सख्त नियम शामिल होने की उम्मीद है।
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