ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम में कैश बैक की आड़ में बड़े पैमाने पर फ्रॉड होने का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि यह फ्रॉड 10 करोड़ रुपए तक हो सकता है। मामला सामने आने के बाद कंपनी ने कई कर्मचारियों की छुट्टी कर दी साथ ही कई दुकानदारों को भी अपने प्लेटफार्म से हटा दिया है।
दरअसल कंपनी के कुछ कनिष्ठ कर्मचारियों ने विक्रेताओं से सांठगाठ करके कुल कैशबैक का ज्यादा प्रतिशत दे रहे थे। इसका मतलब कुछ छोटे दुकानदारों को पेटीएम मॉल में दिए गए कैशबैक का बड़ा प्रतिशत मिल रहा था।
जब इसका ऑडिट कराया गया तो पाया गया कि कैशबैक पाने लिए कई कर्मचारी विक्रेताओं के साथ मिलकर काम कर रहे थे।
Paytm मॉल के प्रवक्ता ने कहा कि इस धोखाधड़ी का पता एक उपकरण के माध्यम से लगाया गया था, जिसे कंपनी ने वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म EY (पूर्व अर्नेस्ट एंड यंग) की साझेदारी में विकसित किया गया था।
इस बारे में कंपनी के प्रमुख विजय शेखर शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हमने पाया कि कुछ विक्रेताओं को कुल कैशबैक का ज्यादा प्रतिशत मिला था। जब हमने इसकी ऑडिट करवाई तो जांच में यह सामने आया कि कंपनी के कुछ कनिष्ठ कर्मचारियों ने विक्रेताओं से सांठगाठ की है और तय सीमा से अधिक कैशबैक हासिल किये हैं।
शर्मा ने आगे बताया कि यह धोखाधड़ी निश्चित तौर पर 10 करोड़ रुपए से अधिक की हो सकती है। उन्होंनेकहा कि गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों को हटाया गया है और साथ ही सैकड़ों विक्रेताओं को भी हटाया गया है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि हमारे प्लेटफार्म पर सिर्फ ब्रांड विक्रेता रहें।
उनके अनुसार हालांकि विक्रेताओं को हटाने से संख्या कम तो जरुर होगी लेकिन इससे अन्य ग्राहकों को को एक बेहतरीन पारिस्थितिकी तंत्र मिल सकेगा।