बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, अभी तक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग क्यों नहीं?

कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि मानव तस्करी एक गंभीर समस्या है. राज्य में मानव तस्करी विरोधी दस्ता की स्थापना क्यों नहीं हो रही है?

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, अभी तक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग क्यों नहीं?
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मुंबई हाईकोर्ट ने मानव तस्करी मुद्दे पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगायी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि मानव तस्करी एक गंभीर समस्या है। राज्य में मानव तस्करी विरोधी दस्ता की स्थापना क्यों नहीं हो रही है? रेस्क्यू फ़ाउंडेशन नामके एक एनजीओ ने मानव तस्करी के विरोध में एक याचिका दाखिल की थी। इस याचिका के संदर्भ में सुनवाई चल रही थी। न्यायमूर्ती नरेश पाटील और न्यायमूर्ती नितीन सांबरे की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य को 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा है।

हजारो महिला कहां हैं?

हर साल हजारों की संख्या में लड़कियां और महिलाएं गायब हो जाती हैं। कोर्ट ने सवाल उठाते हुए काह कि क्या इन गायब होती महिलाओं को जबरन देहव्यापर में धकेल दिया जाता है? कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि हर दिन कहीं न कहीं से यह खबर सुनने को मिलती है कि वेश्यावृत्ति में धकेली गयी महिलाओं को छुड़ाया गया। यह एक गंभीर समस्या है, इस तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए।


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मानव तस्करी है बड़ा अपराध

कोर्ट ने आगे कहा कि यह अपराध भारत में ही नहीं बल्कि विश्वस्तर पर चलाया जाता है। अनेक देशों में यह समस्या देखने को मिलती है, बावजूद इसके इस तरफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।


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सरकार उठाए कदम

कोर्ट ने पीड़ित महिलाओं के प्रति हमदर्दी जताते हुए कहा कि देह व्यापार से छुड़ाई गयी महिलाओं को उनका घर अपनाने से इंकार कर देता है। इसीलिए उन्हें सुधरगृह भेज दिया जाता है। कोर्ट ने कहा कि  सरकार को कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे पीड़ित महिलाओं की उदरपूर्ति का साधन वे स्वयं बन सकें।


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