राज्य शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12 वीं की परीक्षा और परिणाम जाहीर करने के लिए आधारकार्ड को अनिवार्य कर दिया था, जिसके बाद छात्रों ने इसका विरोध किया। छात्रों के साथ छात्रों के परिजनो ने भी इसका विरोध किया। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अब शिक्षा विभाग ने अपना यह फैसला वापस ले लिया है। शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि आधार कार्ड ना होने के कारण किसी भी छात्रों को परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जाएगा और साथ ही किसी के परिणाम भी नहीं रोके जाएंगे।
क्या है पूरा मामला-
दरअसल कुछ दिनों पहले शिक्षा विभाग की ओर से इस बात का निर्णय लिया गया था की छात्रों को 10वीं और 12वीं के परिणाम से पहले आधार कार्ड कार्ड की जानकारी देना आवश्यक है। जिन छात्रों के पास परीक्षा के समय आधार कार्ड नहीं है उन्हे परिणाम निकलने से पहले आधार कार्ड की जानकारी देना होगा अन्यथा उनके परिणाम रोक दिए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने दी सफाई
राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़ ने इस बात पर सफाई देते हुए कहा की इस फैसले में कोई भी दम नहीं है। लिहाजा उन्होने इस फैसले को वापस लेने का आश्वासन दिया।
छात्रवृत्ति के लिए आधार कार्ड अनिवार्य
बोर्ड ने साफ किया है की आधार कार्ड सभी स्तरों पर आवश्यक है। छात्रवृत्ति निधि के लिए आधार कार्ड की संख्या आवश्यक है।