जून के आखिर से ही मुंबई और आसपास के इलाको में भारी बारिश हो रही है। एक तरफ जहां भारी बारिश के कारण मुंबई को पानी पहुंचानेवाले जलाशय लगभग भर चुके है तो वही अब दूसरी ओर बीमारियों ने भी अपने पैर पसारने शुरु कर दिये है। मुंबई में लेप्टो, कॉलरा, मलेरिया, डेंग्यू से प्रभावितों की संख्या पिछलें कुछ महिनों में बढ़ती जा रही है। लेप्टो और डेंग्यू से अभी तक एक-एक की जान जा चुकी है।
113 स्वाइन फ्लू के मरीज
जून के आखिरी सप्ताह में जोरदार बारिश होने के बावजूद स्वाईन फ्लू का एक भी मरीज दर्ज नहीं किया गया। लेकिन जुलाई महिने में ये संख्या लगातार बढ़ती गई। जुलाई के शुरुआती 15 दिनों में ही स्वाइल फ्लू के 36 मामले सामने आए। तो वही जुलाई के आखिरी 15 दिनों में 77 और स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए। कुल मिलाकर जुलाई महिने में ही स्वाइन फ्लू के 113 मामले सामने आये। बीएमसी द्वारा दी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ।
अलग अलग अस्पतालों में इलाज
पिछलें साल जुलाई महिने तक स्वाइन फ्लू के एक भी मरीज सामने नहीं आए थे, लेकिन इस साल जुलाी महिने में ही स्वाइन फ्लू के 113 मामले सामने आये है। इन सभी मरीजों का अलग अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है। इतना ही नहीं , इस साल अब तक स्वाइन फ्लू से 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। लेप्टो और डेंग्यू के कारण एक -एक मरीज की भी मौत हो चुकी है।
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