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किरीट सोमैय्या पुलिस हिरासत में

सोमैय्या घाटकोपर पुलिस स्टेशन के बाहर अपने कुछ समर्थकों के साथ गुरुवार दोपहर को आंदोलन कर रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो वे पुलिस से उलझ गए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

किरीट सोमैय्या पुलिस हिरासत में
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बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया (kirit somaiya) को घटकोपर पुलिस ने हिरासत में लिया है। सोमैय्या घाटकोपर पुलिस स्टेशन के बाहर अपने कुछ समर्थकों के साथ गुरुवार दोपहर को आंदोलन कर रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो वे पुलिस से उलझ गए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हालांकि थोड़ी देर बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया।

किस मुद्दे को लेकर आंदोलन कर रहे थे सोमैय्या

3 अक्टूबर के दिन घाटकोपर (ghatkopar) के असल्फा (aslfa) इलाके में रहने वाली एक महिला खुले मेनहोल (menhole) में गिर गयी थी, जिसकी लाश 2 दिन बाद हाजीअली (hajiali) इलाके में समुद्र के किनारे मिली।

बताया जाता है कि, शीतल दामा (32) नामकी यह महिला आटा लाने के लिए घर से दुकान गयी थी। उस दिन बारिश (rain) काफी हुई थी। जिसके बाद सड़क पर पानी भरा (water logging) था। लौटते समय शीतल दूसरी सड़क से आने लगी, लेकिन उस सड़क पर भी पानी भरा था। शीतल उसी सड़क से घर की तरफ आने लगी। पानी भरे होने के कारण मेनहोल खुला था, जिसे शीतल नहीं देख पाई और उसी में गिर गयी।

 जब काफी देर तक शीतल घर नहीं लौटी तो उसके परिवार ने उसे खोजना शुरू किया। साथ ही पुलिस को भी खबर किया गया। पुलिस को मेनहोल के करीब ही आटे की थैली गिरी हुई मिली। जिससे अनुमान लगाया गया कि शीतल नाले में गिर गई होगी।

इसके बाद पुलिस ने इस संदर्भ में घाटकोपर, कुर्ला, साकीनाका, बांद्रा, माहिम आदि पुलिस स्टेशनों को भी सूचित किया।

और क्षेत्र के सभी नालों की जांच शुरू की, लेकिन शीतल का कुछ पता नहीं चला। घटना के 33 घंटे बाद शीतल का शव असल्फा से 22 किमी दूर हाजी अली में समुद्र के किनारे मिला।

जबकि इस बारे में BMC अधिकारियों का कहना है कि, असल्फा जैसे इलाके में छोटे नाले हैं, जिसमें गिरने के बाद शव वर्ली-हाजिअली नहीं पहुंच सकता। क्योंकि इलाके में ऐसा कोई सीधा नाला सिस्टम नहीं है, जो वहां से यहां निकलता हो। साथ ही वहां से यहां तक पानी जो आता है, रास्ते में 3 से 4 चॉको पॉइंट्स हैं। अगर कोई शव बहकर आता तो इन पॉइंट्स पर जरूर अटक जाता, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। साथ ही यह शव मिठी नदी से भी नहीं बहकर आया होगा, अगर ऐसा होता तो लोगों की नजर जरूर पड़ती। इसके अलावा शीतल को नाले में गिरते किसी ने भी नहीं देखा। 

BMC की इस थ्योरी के बाद पुलिस ने जांच तो शुरू की लेकिन FIR दर्ज नहीं की।

इसके बाद क्षेत्र के बीजेपी (BJP) नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैय्या ने पुलीस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, पुलिस ने 12 दिन बाद भी इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की। शीतल दामा का परिवार न्याय चाहता है।  

किरीट सोमैया ने आगे लिखा, आज घाटकोपर पश्चिम चिराग नगर पुलिस स्टेशन के बाहर दोपहर 12 बजे, मैं शीतल के परिवार के साथ बैठकर आंदोलन करूंगा।  

जब सोमैय्या अपने कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस स्टेशन के बाहर आंदोलन कर रहे तो पुलिस ने उन्हें रोका। इसी दौरान पुलिस के साथ सोमैय्या की झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें डिटेन कर लिया।

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