मुंबई (mumbai) में कुछ ऐसे भी नगरसेवक हैं, जिन्होंने पहले चुनाव जीत कर पद तो हासिलन कर लिया, लेकिन बाद में किन्हीं कारणों से उनका पड़ छिन गया। तो ऐसे में जब तक पद पर रहते हुए उन्होंने जितना लाभ कमाया था, नियमतः उसे लौटाना चाहिए। लेकिन कुछेक को छोड़ कर बाकियों को कुछ पड़ी नहीं है। ऐसे कुल नगरसेवकों (corporators) की संख्या 12 है।
इन 12 फर्जी नगरसेवकों को उनके वेतन और भत्तों से 39 लाख 95 हजार 833 रुपये वसूल करने के लिए लिखने की जानकारी मनपा सचिव ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली (rti activist anil galli) को दी हैं। इसमें 3 भाजपा (bjp), 3 शिवसेना (shiv sena), 3 कांग्रेस (Congress), 1 एनसीपी (ncp) और 2 निर्दलीय नगरसेवक हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा के सचिव विभाग से जानकारी मांगी थी कि भंग किए गए नगरसेवक के वेतन और भत्ते की वसूली कर ली गई है?
मनपा सचिव ने आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में 24 नगरसेवकों की सूची दी, जिनके पद विभिन्न कारणों से खाली हुए हैं। 12 नगरसेवकों ने 39 लाख 95 हजार 833 रुपये का भुगतान नहीं किया। तो 9 नगरसेवकों ने तुरंत राशि का भुगतान कर दिया है। 3 नगरसेवक ऐसे हैं जिन्हें अयोग्य ठहराए जाने के बाद भी एक भी राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
बकाया भुगतान नहीं करने में भाजपा, शिवसेना और कांग्रेस के नगरसेवक अव्वल है। इसमें भाजपा के मुरजी पटेल 5.64 लाख रुपये, केशरबेन पटेल 5.64 लाख रुपये और भावना जोबनपुत्र 3.49 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया हैं। कांग्रेस से राजपति यादव 5.64 लाख रुपये, किनी मोरेश 4.84 लाख रुपये और भारती ढोंगड़े 1.81 लाख रुपये देने को तैयार नहीं हैं। राकांपा की नाजिया सोफी 7.21 लाख रुपये नहीं दे रही हैं। निर्दलीय चंगेज मुल्तानी 79,000 रुपये और अंजुम असलम 45,000 रुपये का भुगतान नहीं किया हैं।
अनिल गलगली ने मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि राशि का भुगतान नहीं करने वाले नगरसेवकों की संपत्ति को सील किया जाए ताकि बकाया पैसे की रिकवरी हो सके।