महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बारे में दिए गए बयान के कारण शिवसेना द्वारा मुंबई स्थित स्टूडियो में तोड़फोड़ की गई। स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर एक विस्तृत बयान जारी किया है। (Kunal Kamra refuses to apologise for Eknath Shinde remark)
"नेताओं का मजाक उड़ाना कानून के खिलाफ नहीं"
कोई भी राजनीतिक दल हमारे हास्य को नियंत्रित नहीं करता। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेता उन्हें सबक सिखाने की धमकी दे रहे हैं, लेकिन नेताओं का मजाक उड़ाना कानून के खिलाफ नहीं है। उन्होंने इस बयान में यह भी कहा कि वह इस मामले के लिए माफी नहीं मांगेंगे।
चार पन्नो का पोस्ट
उन्होंने "मेरा वक्तव्य" शीर्षक से चार पन्नो का एक पोस्ट लिखा है। पहले पन्ने पर कुणाल कामरा कहते हैं, "जहां मेरा शो हुआ, वह ऐसी ही जगहों पर होता है, जो कुछ भी हुआ, उसके लिए हैबिटेट, वह स्टूडियो जिम्मेदार नहीं है, उस जगह पर तोड़फोड़ की गई, वहां गाली-गलौज भी की गई, मैंने सुना है कि ट्रक भरकर टमाटर लाए गए क्योंकि आपको हमारा उगाया हुआ बटर चिकन पसंद नहीं आया"।
"अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर किसी का अधिकार"
मुझे सबक सिखाने की धमकी देने वाले राजनीतिक नेताओं से कहना चाहता हूं "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर किसी का अधिकार है, यह अधिकार केवल अमीरों के लिए नहीं है, तुम्हारे जैसे लोग मजाक बर्दाश्त नहीं कर सकते, किसी शक्तिशाली राजनेता का मेरी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, मैंने कानून के खिलाफ कुछ भी नहीं किया है, मैंने राजनीतिक सर्कस और राजनीति पर व्यंग्यात्मक दृष्टि डाली है"
पुलिस के साथ पूरा सहयोग करने का निर्णय
कुणाल कामरा ने कहा की "मैंने पुलिस के साथ पूरा सहयोग करने का निर्णय लिया है। पुलिस और अदालत को मेरे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन कानून सबके लिए एक जैसा है, इसलिए उस होटल में तोड़फोड़ करने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। एक चुटकुला सुनने के बाद वे होटल में घुस गए। इसके अलावा, उन नगरपालिका सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए जो निर्वाचित नहीं हुए हैं। वे बिना किसी सूचना के हथौड़ों के साथ हैबिटेट में तोड़फोड़ करने कैसे आ गए?"
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