चुनाव आयोग ने सोमवार को हाईकोर्ट को बताया कि कुर्ला के एक निजी स्कूल के शिक्षकों को दिवाली की छुट्टियों, मतदान से एक दिन पहले और मतदान के दिन चुनाव कार्य में लगाया गया है। इसके बाद, अदालत ने परीक्षा अवधि के दौरान शिक्षकों से चुनाव कार्य करवाने के खिलाफ अभिभावकों द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया। (Kurla School Teachers Assigned Election Duty During Diwali Vacation and Polling Day HC Dismisses Parents' )
कुर्ला के ग्रीन मुंबई प्राइमरी स्कूल के छात्रों के अभिभावकों ने परीक्षा अवधि के दौरान शिक्षकों को चुनाव कार्य सौंपने के परिपत्र को चुनौती देते हुए दावा किया है कि यह छात्रों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है। अदालत ने इस याचिका का भी संज्ञान लिया और चुनाव आयोग को सोमवार तक इस याचिका पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया।
इस पृष्ठभूमि में सोमवार को न्यायमूर्ति अतुल चांदुरकर और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। उस समय शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी देने के संबंध में पहले के परिपत्र में संशोधन किया गया था। आयोग की ओर से अधिवक्ता अक्षय शिंदे ने न्यायालय को बताया कि संशोधित परिपत्र के अनुसार, याचिकाकर्ताओं के बच्चे जिन विद्यालयों में पढ़ रहे हैं, उनके शिक्षकों को केवल दिवाली की छुट्टियों के दौरान यानी 20 अक्टूबर से 12 नवंबर तक तथा मतदान के दिन, मतदान से एक दिन पहले, चुनाव ड्यूटी सौंपी गई थी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गायत्री सिंह ने भी आयोग के संशोधित परिपत्र पर आपत्ति जताते हुए कहा कि दिवाली की छुट्टियों के दौरान शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में व्यस्त थे। हालांकि, न्यायालय ने आयोग के संशोधित परिपत्र को सही माना तथा नगर पालिकाओं की आशंकाओं को दूर किया। इसी तरह, शिक्षकों को इसका पालन करना चाहिए, यह स्पष्ट करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया गया।
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