मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर औरंगाबाद को संभाजीनगर के रूप में संदर्भित करने से एक नया विवाद छिड़ गया है। यह ट्वीट तब तुरंत हटा दिया गया है। लेकिन पारस्परिक नाम बदलने पर रोष व्यक्त करते हुए, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात(Balasaheb thorat) ने शिवसेना को कम से कम एक समान कार्यक्रम की याद दिलाई। उन्होंने यह भी कहा कि नाम बदलने का कड़ा विरोध हो रहा है।
कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। तदनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा शाम 6 बजे एक ट्वीट भेजा गया था जिसमें चिकित्सा शिक्षा और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री अमित देशमुख के खाते के बारे में निर्णय लिया गया था। इस ट्वीट में औरंगाबाद को संभाजीनगर बताया गया था। गौरतलब है कि इस ट्वीट में कांग्रेस मंत्री अमित देशमुख की एक फोटो का इस्तेमाल किया गया था।
महा विकास आघाडी सरकार कम से कम एक ही कार्यक्रम पर चलती है, भारतीय संविधान के मूल तत्व कम से कम एक ही कार्यक्रम के मूल हैं। हम दोहराते हैं कि कांग्रेस सामाजिक समरसता के लिए किसी भी शहर का नाम बदलने के प्रबल विरोधी है।
महाराष्ट्र विकास आघाडीचे सरकार हे किमान समान कार्यक्रमावर चालते, भारतीय राज्यघटनेची मूलतत्त्वे हा किमान समान कार्यक्रमाचा गाभा आहे. आम्ही पुन्हा ठणकावून सांगतो, सामाजिक सलोखा टिकून राहावा यासाठी कोणत्याही शहराच्या नामांतरणाला आमचा ठाम विरोध आहे.
— Balasaheb Thorat (@bb_thorat) January 6, 2021
सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय को ध्यान रखना चाहिए कि शहरों का नाम नहीं बदला जाए, सरकारी काम एक कानूनी दस्तावेज है। शहरों का नाम बदलना महाविकास अघाड़ी के समान कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है।
थोराट ने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज हमारे आराध्य देव हैं। बालासाहेब थोरात ने शिवसेना से कहा कि वह नाम का इस्तेमाल कर नामकरण की राजनीति न करे, औरंगाबाद के विकास के लिए हम सब मिलकर काम करें।