विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवारों को सभी जगहों पर सबसे ज्यादा वोट मिले और यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद थी। हालांकि, एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने वोटिंग मशीनों पर संदेह जताते हुए कहा है कि मतगणना में ऐसा नहीं हुआ। (NCP Jitendra Awhad raises question over post poll votes, alleges tampering)
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि मतदान बंद होने के बाद यानी शाम 6 बजे से रात 11 बजे के बीच अचानक मतदान प्रतिशत कैसे बढ़ गया और बढ़ा हुआ मतदान कहां से आया? एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने गुरुवार को कलवा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। 2014 से ही मैं वोटिंग मशीनों के खतरे की बात करता आ रहा हूं। आव्हाड ने कहा कि हमारे लोगों ने इसकी उपेक्षा की है। चूंकि वोटिंग मशीनें मानव निर्मित हैं, इसलिए उनसे छेड़छाड़ की जा सकती है।
मतदान के बाद वोटिंग नंबर तुरंत वोटिंग मशीन में उपलब्ध हो जाता है। हालांकि, उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि मतदान के आंकड़े देने में देरी क्यों हो रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मतदान समाप्त होने के बाद यानी शाम छह बजे से रात 11 बजे के बीच राज्य में 76 लाख वोट बढ़े हैं। छह बजे के बाद अधिकतम आधा से दो प्रतिशत मतदान बढ़ सकता है। लेकिन कुछ जिलों में मतदान का प्रतिशत 10 प्रतिशत तक बढ़ा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि नासिक में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार को लगभग समान वोट मिले और यह बिना किसी पैटर्न के संभव नहीं था।
उन्होंने कहा, "हमने नांदेड़ में एक लोकसभा सीट जीती और छह विधानसभा सीटें हार गए। एक ही जिले में इतने अलग-अलग परिणाम कैसे हो सकते हैं।" विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवारों को सभी जगहों पर सबसे अधिक वोट मिले और यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद थी। लेकिन मतगणना में ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, "अगर हर जगह एक ही तरह से चुनाव परिणाम दिए जाने हैं तो संविधान और लोकतंत्र का क्या फायदा है।" उन्होंने यह भी आशंका जताई कि इससे लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और भारत रूस बन जाएगा। शरद पवार को इस तरह से अलग-थलग किया जा रहा है कि इससे उनकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मातोश्री के लिए भी यही रणनीति बनाई जा रही है।