संजय राउत ने संकेत दिया है कि शिवसेना आगामी बीएमसी चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ सकती है। मुंबई में पूर्व नगरसेवकों और स्थानीय नेताओं की ओर से कांग्रेस के साथ गठबंधन के बिना चुनाव लड़ने का दबाव होने की चर्चा है। संजय राउत ने गुरुवार को कहा, "आप और कांग्रेस दिल्ली में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। दिल्ली में जो हुआ, वह मुंबई में भी हो सकता है।" उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं की तुलना में आप नेता उनसे अधिक बार बातचीत करते हैं।
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच गहरी राजनीतिक मित्रता है। एक सप्ताह में दूसरी बार ठाकरे गुट ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए दिल्ली चुनाव में आप को समर्थन देने का संकेत दिया है। गुरुवार को 'सामना' के संपादकीय में कांग्रेस और भाजपा से ज्यादा आप की आलोचना की गई। संपादकीय में कहा गया है, "आप और कांग्रेस दिल्ली चुनाव अलग-अलग लड़ रहे हैं। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के बजाय कांग्रेस आप पर निशाना साधने में व्यस्त है।"
मीडिया से बात करते हुए राउत ने कहा कि अगर पार्टी दिल्ली चुनाव में समर्थन को लेकर अपने रुख पर विचार करती है तो उसे आप को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप नेता कांग्रेस नेताओं से ज्यादा हमारे संपर्क में हैं। राउत ने आगे सुझाव दिया कि शिवसेना (यूबीटी) मुंबई चुनावों में आप के उदाहरण का अनुसरण कर सकती है। उन्होंने कहा, "हालांकि आप और कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन सहयोगी हैं, लेकिन वे दिल्ली में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। दिल्ली में जो हुआ, वह मुंबई में भी हो सकता है।"
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