मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधान परिषद में प्रश्नोत्तर काल के दौरान जानकारी दी कि राज्य सरकार राज्य में सभी जातियों के सफाईकर्मियों के वारिसों को समायोजित करने के लिए सकारात्मक निर्णय लेगी। सदस्य अशोक उर्फ भाई जगताप ने प्रदेश में सफाईकर्मियों की मांगों को लेकर सवाल उठाया। मुख्यमंत्री उनका जवाब देते हुए बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ''सफाईकर्मियों के बच्चों/वारिसों को केवल शैक्षिक योग्यता के आधार पर नियुक्तियां दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा, "जनप्रतिनिधियों को राज्य सरकार के ध्यान में लाना चाहिए जहां वारिसों को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार नियुक्तियां नहीं दी जाती हैं।"
कैबिनेट की बैठक में इस बात को लेकर भी सकारात्मक चर्चा हुई है कि सफाई कर्मियों के पदों को भरते समय मेहतर-वाल्मीकि समाज के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार सफाईकर्मी समुदाय का सम्मान करती है। नगर पालिका में इस समुदाय के रिक्त पदों को भरने के संबंध में नगर विकास विभाग को निर्देश दिये जायेंगे।
राज्य में सफाईकर्मियों की सुविधाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा लाड-पेज कमेटी नियुक्त की गई थी। इस समिति की संस्तुतियों के अनुसार सफाईकर्मियों के उत्तराधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में विभिन्न संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री को अभ्यावेदन दिया गया था। इस बयान में मांगों के संबंध में सकारात्मक निर्णय लेने के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में एक कैबिनेट उप समिति का गठन किया गया है।
इस उप-समिति की बैठक में राज्य में श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न विभागों के मौजूदा सरकारी निर्णयों को समेकित करने और एकल सरकारी निर्णय (GR) लेने का निर्णय लिया गया है। सफाई कर्मियों के रिक्त पदों को संविदा के आधार पर भरा जा रहा है। कैबिनेट की बैठक में जल्द ही मैला ढोने वालों के वारिसों को रोजगार देने के संबंध में लाड पेज कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
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