रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि भारत के लोग पहले बौद्ध थे, बाद में हिंदुत्व आया तो सभी हिंदू हो गये। दरअसल रामदास आठवले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान से सहमत नहीं थे जिसमें भागवत ने कहा था कि देश की 130 करोड़ की जनसंख्या भले ही अलग-अलग धर्म की हो लेकिन पहले सभी लोग हिंदू थे।
गुरूवार की रामदास आठवले ने मोहन भागवत के बयान पर असहमति जताते हुए पत्रकारों से कहा कि, ' ऐसा कहना सही नहीं है कि सभी लोग हिंदू हैं। एक समय था जब इस देश में सभी बौद्ध थे, लेकिन जब हिंदुत्व आया तो हम हिंदू राष्ट्र हो गए। लेकिन अगर भागवत के कहने का मतलब है कि सभी हमारे अपने हैं तो यह अच्छी बात है।'
इसके पहले बुधवार को हैदराबाद में आयोजित RSS के तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘विजय संकल्प शिविर' में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि, संघ भारत की 130 करोड़ की जनता को हिंदू समाज मानता है चाहे वे किसी भी धर्म और संस्कृति के हों। धर्म और संस्कृति पर ध्यान दिए बिना जो लोग राष्ट्रवाद की भावना रखते हैं और भारत की संस्कृति और उसकी विरासत का सम्मान करते हैं, वे हिंदू हैं और RSS देश के 130 करोड़ लोगों को हिंदू मानता है। संपूर्ण समाज हमारा है और संघ का उद्देश्य संगठित समाज का निर्माण करना है।
मोहन भागवत के इस बयान का AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी आपत्ति जता चुके हैं. भागवत के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे तेलंगाना और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) पर पूरा यकीन है। जब तक केसीआर जिंदा हैं तब तक तेलंगाना में बीजेपी और आरएसएस को बहुत दिक्कत होगी।'