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मुंबई लोकल ट्रेनों मे लोगों को मवेशियों की तरह यात्रा करते देखना शर्मनाक - बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले मे रेलवे को तुरंत संज्ञान लेने के भी आदेश दिए

मुंबई लोकल ट्रेनों मे लोगों को मवेशियों की तरह यात्रा करते देखना शर्मनाक - बॉम्बे  हाईकोर्ट
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मुंबई की जीवन रेखा मानी जाने वाली रेलवे यात्रा के दौरान मुख्य रूप से उपनगरीय रेलवे यात्रा के दौरान भीड़भाड़ और इसी तरह के कारणों से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। मुंबई की लोकल यात्रा की हालत बेहद दयनीय है और जब वहां यात्रियों की जान जा रही है तो आपको एसी लोकल का समर्थन नहीं करना चाहिए और यहां यात्रियों की बढ़ती संख्या पर कोर्ट ने रेलवे प्रशासन को आड़े हाथों लिया। (Ashamed To See People Travelling Like Cattle says High Court On Mumbai Local Trains)

 रेलवे प्रशासन को आड़े हाथों लिया

न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने बुधवार को रेलवे प्रशासन को आड़े हाथों लिया और स्पष्ट चेतावनी दी कि मुंबई लोकल की खस्ता हालत के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

कोर्ट की इस नाराजगी भरी प्रतिक्रिया पर रेलवे प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कहा है कि रेलवे प्रशासन इस आधार पर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता कि कुछ चीजों की पूर्ति सीमित होने के कारण यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, यानी यात्रियों को यात्रा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेलवे के इसका सज्इञान लेने का भी आदेश दिया। 

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