मेट्रो-3 (कुलाबा-बांद्रा-सीप्ज) जो कि मुंबई की अंडरग्राउंड मेट्रो परियोजना है, 2021 तक इसे पूरा हों एक लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना अपने निर्धारित समय में पूरी हो इसके लिए मुंबई मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन (एमएमआरसी) ने बड़ी तेजी के साथ अपना काम कर रही है। एमएमआरसी ने दावा किया छह महीने में अब तक 2 किमी का काम पूरा हो चुका है। आपको बता दें कि मेट्रो-3 की कुल लंबाई 33.5 किमी है।
विदेश में मंगाई गयीं हैं 17 टीबीएस मशीनें
एमएमआरसी की प्रबंधकीय निदेशक अश्विनी भिड़े के मुताबिक MMRC की तरफ से अत्यधुनिक टनल बोरिंग मशीन यानि टीबीएम की सहायता से भूमिगत मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। ये टीबीएम जमीन के अंदर जाकर रेलवे पटरी के समानांतर जमीन खोदने का काम करतीं हैं। इसके लिए विदेश से लगभग 17 टीबीएम मंगाई गयी है। भिड़े के अनुसार 17 टीबीएम में से 11 मशीनें मुंबई आ चुकीं हैं जिनमें से 8 मशीनों ने काम भी शुरू कर दिया है। जुलाई तक बाकी 6 मशीनें भी आ जाएंगी।
नदियों के नाम पर मशीनों के नाम
बताया जाता हैं कि ये मशीनें एक बार अंदर जाती हैं तो फिर काम पूरा होने के बाद ही बाहर आतीं हैं। ये मशीनें अब दो साल बाद ही बाहर आ पाएंगी। मजे की बात यह है कि जो 8 मशीनें जमीन के अंदर काम कर रहीं हैं उनके नाम महाराष्ट्र की नदियों के नाम पर रखे गए हैं। इनके नाम सूर्या, वैतरणा, तानसा, कृष्णा, गोदावरी, तापी और वैनगंगा नाम रखे गए हैं।