बीएमसी अस्पतालो में करोड़ो रुपये खर्च करने के बाद भी अगर किसी की मौत हो जाती है तो मृतक के रिश्तेदारो को ही कफन लाने के लिए कहा जाता है। लेकिन अब बीएमसी में इसमें बदलाव करते हुए फैसला किया है की मृतक को अब कफन अस्पताल की ओर से ही दिया जाएगा, रिश्तेदारो को कफन लाने के लिए नहीं कहा जाएगा। बीएमसी ने इस बात का फैसला करते हुए अपने सभी बीएमसी अस्पतालों ने इस बाबत एक आदेश भी जारी करेगी।
पंजाब नेशनल बैंक में सामने आया 1.77 अरब डॉलर के फर्जी लेनदेन का मामला !
राष्ट्रवादी कांग्रेस की नगरसेविका डॉ. सईदा खान ने बीएमसी में 2014 में एक प्रस्ताव लाया था , जिसमें उन्होने मांग की थी की बीएमसी के तीन मुख्य अस्पताल और बाकी उपनगरीय अस्पतालो में मृतक के रिश्तेदारो के कफन ना मंगवाया जाए और उन्हे बिना किसी खर्च के मृतक का शरीर उन्हे सौप दिया जाये।
...तो इसलिए देरी से चलती है मध्य रेलवे !
जुलाई 2016 से जुलाई 2018 की समय अवधि के लिए बीएमसी ने कफन की खरीददारी की है, जिसके कारण बीएमसी ने अपने अधीन आनेवाले अस्पतालो में मृतको को मुफ्त में कपन दिया जाएगा।