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बीजेपी के करप्शन फ्री नारे की फिर खुली पोल, कैबिनेट मंत्री के पीए पर 10 लाख घूस लेने का आरोप

निटुरे ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों को मैंने काम करने के लिए पैसे भी दिए लेकिन ये लोग काम नहीं कर रहे हैं। निटुरे ने मंत्री के पीए और सेक्शन अधिकारियों पर भी मिली भगत का आरोप लगाया।

बीजेपी के करप्शन फ्री नारे की फिर खुली पोल, कैबिनेट मंत्री के पीए पर 10 लाख घूस लेने का आरोप
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बीजेपी द्वारा दिए गए करप्शन फ्री शासन नारे पर एक बार फिर से सवाल उठे हैं, इस बार इस करप्शन के आरोप में फंसे हैं महाराष्ट्र के कैबिनेट सामाजिक न्यायमंत्री राजकुमार बडोले। शुक्रवार को एक शख्स ने मंत्रालय में स्थित राजकुमार बडोले के ऑफिस जाकर बडोले के ऑफिस में जमकर बवाल किया और उपस्थित लोगों से मारपीट की। मारपीट करने वाले शख्स ने आरोप लगाया कि उसने एक काम के लिए पीए को 10 लाख रूपये दिए थे, पैसे लेने के बाद भी पीए ने काम नहीं किया। मामला तब प्रकाश में आया जब एक समाचार पत्र ने को इस खबर को प्रकाशित किया।  

क्या हुआ था मंत्रालय में?
उस्मानाबाद के रहने वाले शख्स अरुण निटुरे शुक्रवार को सामाजिक न्यायमंत्री राजकुमार बडोले के ऑफिस पहुंचे जो कि मंत्रालय में तीसरे फ्लोर पर स्थित है। निटुरे ने वहां पहुंच कर अपने काम के सिलसिले में एक क्लर्क से पूछताछ की, लेकिन क्लर्क ने निटुरे के सवाल का कुछ भी जवाब नहीं दिया। इस बात से नाराज होकर निटुरे ने क्लर्क से झगड़ा करना शुरू कर दिया। यही नहीं उसने मारपीट भी की।

निटुरे ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों को मैंने काम करने के लिए पैसे भी दिए लेकिन ये लोग काम नहीं कर रहे हैं। निटुरे ने मंत्री के पीए और सेक्शन अधिकारियों पर भी मिली भगत का आरोप लगाया।


इस काम के लिए दिया था पैसा 
अरूण निटुरे के अनुसार उस्मानाबाद में उन्होंने एक स्कूल खोला हुआ है। स्कूल को मान्यता मिले इस कार्य के लिए वे तीन साल से मंत्रालय का चक्कर काट रहे हैं, बावजूद इसके काम नहीं हो रहा है। निटुरे ने दावा किया कि इस काम को करने के लिए बडोले के पीए ने उनसे 10 लाख रूपये की मांग की, जिसे निटुरे ने दिया भी। लेकिन पैसे देने के बाद भी पीए काम नहीं कर रहा है। 


मंत्रीजी ने किया खंडन 
हालांकि इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए राजकुमार बडोले ने इसका खंडन किया है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने सफाई दी कि यह मारामारी मेरे ऑफिस में नहीं हुई है। उन्होने कहा पिछली आघाड़ी की सरकार ने नियमों को ताक पर रख कर 300 से भी अधिक स्कूलों को मंजूरी दी थी। उन्ही के पापों को धोने का काम हमारी सरकार कर रही है। सामाजिक न्याय विभाग के पास इस तरह की कोई भी फ़ाइल नहीं आई है, क्योंकि अगर इस तरह की कोई भी फ़ाइल मेरे पास आती तो मुझे सीएम को भी खबर देनी पड़ती। आघाड़ी सरकार के द्वारा अनेक व्यक्तियों को ठगा गया जिसमें निटुरे भी एक है। हमारे ऊपर आरोप लगाने से पहले निटुरे को अपनी मानसिक जांच करानी चाहिए।
 


बीजेपी भी कांग्रेस की राह पर 
अब राजकुमार बडोले भले ही कितने सफाई पेश करें, लेकिन धुआं वहीँ उठता है जहां आग होती है। भोसरी MIDC जमीन मामला हो या चिक्की घोटाला, जैसे मुद्दों पर भी सरकार घिर चुकी है। और अब स्कूलों को मान्यता देने के नाम पर मंत्री के पीए पर 10 लाख रूपये घूस लेने का आरोप। नियम के मुताबिक सरकार को खुद आगे बढ़ कर इसकी जांच करानी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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