वर्ली हिट एंड रन मामले में मिहिर शाह को 16 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उसे मंगलवार को विरार से गिरफ्तार किया गया था। 10 जुलाई को जब उसे सेवरी कोर्ट में पेश किया गया तो उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। 7 जुलाई को वर्ली के कोलीवाड़ा में दोपहिया वाहन पर सवार एक जोड़े को BMW ने कुचल दिया था। (Worli Hit and Run Case Mihir Shah to remain in police custody until July 16)
इस हादसे में बाइक सवार व्यक्ति एक तरफ गिर गया। महिला कार के बोनट पर फंस गई। बोनट पर फंसी महिला को कार चालक ने करीब एक से डेढ़ किलोमीटर तक घसीटा। साथ ही कार उसके शरीर के ऊपर से गुजर गई। इस क्रूर घटना के बाद कार चालक और कार मालिक मौके से फरार हो गए। इस बीच, जैसे ही यह मामला सामने आया, पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी। शिंदे गुट के पालघर जिले के प्रमुख राजेश शाह के बेटे मिहिर शाह, जिन्हें अब पार्टी से निकाल दिया गया है, को इस मामले में दोषी पाया गया।
हालांकि, घटना के बाद से वह भी फरार था। दुर्घटना के बाद वह पहले अपनी गर्लफ्रेंड के पास गया, फिर बोरीवली स्थित अपने घर गया और फिर अपने परिवार के साथ ठाणे-शाहपुर स्थित एक रिसॉर्ट में गया। उसके बाद वह अपने परिवार को धोखा देकर अपने दोस्तों के साथ विरार स्थित एक रिसॉर्ट में चला गया।
इस दौरान सभी के फोन बंद थे। इसलिए पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाई। हालांकि, उसके दोस्त ने पंद्रह मिनट तक मिहिर को फोन करना शुरू किया और पुलिस ने उसे ट्रैक करके तुरंत गिरफ्तार कर लिया। उसकी मां, दो बहनों को हिरासत में लिया गया है और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया गया है।
10 जुलाई को उसे सेवरी कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील और मिहिर के वकील के बीच हाथापाई देखने को मिली। सरकारी वकील ने मिहिर को पुलिस हिरासत में लेने का अनुरोध किया था। लेकिन मिहिर के वकीलों ने तर्क दिया कि चूंकि मिहिर की सभी जांच पूरी हो चुकी है, इसलिए उसे अब हिरासत की जरूरत नहीं है।
पुलिस ने दलील में क्या कहा?
पुलिस ने कोर्ट में मांग की थी कि मिहिर को सात दिन की रिमांड पर लिया जाए। इस मामले में मिहिर की मदद करने वाले सभी लोगों की जांच होनी चाहिए। पुलिस ने कोर्ट से यह भी कहा कि वे यह भी जांच करना चाहते हैं कि आरोपी के पास ड्राइविंग लाइसेंस था या नहीं।
आरोपी के वकील ने क्या कहा?
इसका जवाब देते हुए मिहिर के वकील ने कहा कि कार चालक और मिहिर को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई है। पुलिस ने उसका फोन भी जब्त कर लिया है। तो अब उन्हें मिहिर की कस्टडी क्यों चाहिए? आरोपी को मौके पर भी ले जाया गया था। उसने पुलिस को पूरी घटना बताई है। चालक और मिहिर के जवाब मेल खाते हैं। इसलिए पुलिस के पास मिहिर को हिरासत में लेने का कोई ठोस कारण नहीं है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जज ने मिहिर को 16 जुलाई तक सात दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
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