मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को राज्य परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारियों का मूल वेतन अप्रैल 2020 से 6500 रुपये बढ़ाने का फैसला किया। इस फैसले का स्वागत करते हुए एसटी कर्मकार कृति संघ ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। ऐसे में गणपति दर्शन के लिए गांव जाने वाले लाखों यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। लेकिन त्योहार के दौरान लोगों को परेशान किये जाने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जतायी। (ST strike back Relief to millions of passengers)
एसटी निगम कर्मियों को राज्य सरकार के कर्मियों की तरह वेतन दिया जाये। कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने के साथ ही पिछली वेतन वृद्धि के अंतर को समाप्त किया जाए। साथ ही अन्य लंबित मांगों को लेकर राज्य की 11 ट्रेड यूनियनों की एक्शन कमेटी ने मंगलवार से हड़ताल का आह्वान किया था। इससे गणपति के लिए गांव जाने वालों के लिए बड़ी दुविधा हो गई।
इस पृष्ठभूमि में बुधवार को सह्याद्री गेस्ट हाउस में शिंदे की अध्यक्षता में कर्मचारी संघों की बैठक हुई. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, उद्योग मंत्री उदय सामंत, विधायक सदाभाऊ खोत, गोपीचंद पडलकर, श्रमिक नेता हनुमंत ताठे आदि उपस्थित थे। बैठक की शुरुआत में शिंदे ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब सरकार एसटी कर्मचारियों की मांगों को लेकर सकारात्मक है तो त्योहार के दौरान हड़ताल करना उचित नहीं है।
एसटी कर्मचारियों के लिए चिकित्सा व्यय पर चर्चा करते हुए, राज्य सरकार ने सभी के लिए महात्मा जोतिबा फुले जन आरोग्य योजना शुरू की। साथ ही उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने सुझाव दिया कि एसटी निगम को इस योजना से जुड़ी एक योजना बनानी चाहिए, इससे कर्मचारियों को फायदा होगा।
बैठक के बाद महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी कांग्रेस के महासचिव श्रीरंग बर्गे ने कहा कि इस अवसर पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए एक वर्ष के लिए मुफ्त पास, निलंबित कर्मचारियों को काम पर रखने आदि पर चर्चा की गई और इन मुद्दों का समाधान किया जाएगा।
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