पिछले साल जुलाई में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों को ई-सिगरेट की बिक्री, खरीदारी और सेवन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी एडवाइजरी जारी की थी।
पान मसाला और गुटखा पर प्रतिबंध लगाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इलेक्ट्रानिक यानी ई-सिगरेट
पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध में इ सिगरेट,
वेप,
ई-हुक्का और हीट-न-बर्न डिवाइस शामिल हैं।फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए)
ने कहा कि यह निर्णय बढ़ते सबूतों के मद्देनजर लिया गया जिससे यह साबित होता है की ई सिगरेट भी तंबाकू के सेवन जितने की खरतनाक है।
पिछले साल जुलाई में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों को ई-सिगरेट की बिक्री, खरीदारी और सेवन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी एडवाइजरी जारी की थी। इसके साथ ही एफडीए ने भी इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए राज्य सरकार को सिफारिश की थी। इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से निकोटीन डिलिवर करने वाले ई-सिगरेट,
वेप,
ई-शीशा और निकोटिन युक्त हुक्का आदि से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती है। इससे कैंसर तक का खतरा भी रहता है।
ई-सिगरेट में डाले जाने वाले सलूशन में लेड,
क्रोमियम,
निकल जैसे धातु और फॉर्मल डीहायड जैसे केमिकल होते है,
इनका स्वास्थ्य पर बेहद घातक असर होता है। ई-सिगरेट के सेवन से फेफड़ों पर बुरा असर पहुंचता है। सरकार के इस फैसले के बाद अब राज्य में ई सिगरेट के निर्माण,
वितरण और बिक्री पर पूरी तरह का प्रतिबंध लग गया है।