पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra fadanvis) ने महाराष्ट्र की स्थिति की आज की आलोचना की है। देवेंद्र फडणवीस मुंबई में आयोजित भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र प्रदेश कार्य समिति की बैठक के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
वजे मामले पर टिप्पणी करते हुए, देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस सरकार ने विधायिका को बंद कर दिया। इस सरकार ने भले ही लोकतंत्र के दरवाजे बंद कर दिए हों, लेकिन हम लोकतंत्र को बहाल करना जानते हैं। हमारे पास विभिन्न वर्गों के पते हैं। देवेंद्र फडणवीस ने यह भी दावा किया कि अधिवेशन दो दिनों के लिए रखा गया था ताकि वह हमें कुछ बता न सकें।
मौत के जाल का मॉडल
कोरोना के रुख को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''जब कोविड (Coronavirus) में अच्छा काम करने का सबक छूट जाता है तो सवाल उठता है कि क्या आपका दिमाग अभी भी वहीं है?'' क्योंकि सबसे ज्यादा मरीज, सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं"
Speaking at the conclusion of @BJP4Maharashtra State Executive Committee Meeting in Mumbai. https://t.co/yF9QPLGzxP
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 24, 2021
क्या महाराष्ट्र मुंबई से बाहर है? क्या नागपुर, नासिक, औरंगाबाद, पुणे महाराष्ट्र में है? ऐसा सवाल पैदा करना उसका काम है! क्या मुंबई के बाहर कोई जंबो कोविड सेंटर खुला? यह सवाल देवेंद्र फडणवीस ने उठाया था।
आरक्षण बरकरार नहीं रखा जा सका
इस सरकार की अनिच्छा के कारण ही ओबीसी आरक्षण (OBC RESERVATION) रद्द किया गया था। केंद्र से डेटा की मांग 50 फीसदी से ऊपर आरक्षण बनाए रखने की है। लेकिन महाविकास अघाड़ी सरकार 50 फीसदी से कम आरक्षण को बरकरार नहीं रख सकी।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन 15 माह से नहीं हुआ है। बस कोर्ट में तारीख मांगता रहा। इसलिए 50 प्रतिशत के भीतर भी ओबीसी आरक्षण को रद्द करने का पाप महाविकास अघाड़ी सरकार का एकमात्र और अनन्य दोष है। देवेंद्र फडणवीस ने विचार व्यक्त किया कि इस आरक्षण के लिए अनुभवजन्य डेटा की आवश्यकता है, न कि जनगणना के लिए।
यह भी पढ़े- नवी मुंबई में बेघर, बेसहारा, सड़कों पर रहने वाले लोगों को भी लगेगा टीका